होम लोन लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि कही इस से हमे कोई नुकसान ना हो जाए, और यह एक लंबा समय होता है हम लोन चुकाने के लिए एक लंबे समय को चुनते हैं और इस बीच हमें बैंक के साथ एक रिलेशन बनाकर रखना होता है।
इसीलिए हमें कई सारी बातों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि बादमें हमें कोई भी मुश्किलों का सामना ना करना पड़े। हर बात को पहले जान लेना बहुत जरूरी होता है, ताकि इससे होम लोन लेने के बाद या फिर लेने से पहले हमें कोई समस्या ना हो।
होम लोन इंटरेस्ट रेट
हम सभी जानते हैं कि होम लोन लेने से पहले सबसे जरूरी बात जो है वो हैं, इंटरेस्ट रेट के बारे में जान लेना, लेकिन आपको फ्लोटिंग और फिक्स्ड दोनों का ही इंटरेस्ट है जान लेना चाहिए।और इसके साथ आप यह भी देखें कि, जहां पर आप होम लोन के लिए अप्लाई कर रहे हो वहां का इंटरेस्ट रेट ज्यादातर कम या ज्यादा रहता है, क्योंकि कई बार ऐसा होता है, हम जहां से होम लोन ले रहे हैं वहां का इंटरेस्ट रेट ज्यादातर हाई या ज्यादा ही रहता है, बस फिरहाल के लिए ही कम है, तो ऐसा भी हो सकता है कि आपको बाद में इसका जो इंटरेस्ट रेट है वह आपको ज्यादा भी पे करना पड़े, अगर आप फ्लोटिंग के साथ जाते हैं तो। इसलिए आप फ्लोटिंग और फिक्स्ड दोनों को ही जानकर अपने हिसाब से आपके लिए कौन सा सुविधाजनक रहेगा उसको ही चुने।
प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज
इंटरेस्ट रेट के साथ हमें प्रोसेसिंग फीस के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि ज्यादातर बैंकों का ही प्रोसेसिंग फीस बहुत ही ज्यादा होता है, जिसके लिए हमें एक भारी अमाउंट देना पड़ता है। और इसके साथ हमें कई और अन्य फीस भी जोड़े जाते हैं जिसके बारे में हमें पहले ही बैंक से पता कर लेना चाहिए।
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इसके साथ ही आपको बता दें की कई प्राइवेट बैंक है जहां पर आपको बाद में कोई एक्स्ट्रा चार्ज या हिडेन चार्ज लगाया जाता है। आप एक बार लोन ले लेते हैं, इसके बाद आपको कई सारी डॉक्यूमेंट पर साइन करना पड़ता है, जिसके कारण अगर कोई हिडन फीस बाद में जोड़ दिया जाए तो आप कुछ कह भी नहीं पाते। इसलिए इन सब बातों को अच्छी तरह से पहले ही जान ले।
भरोसेमंद बैंक या प्रतिष्ठान
आप जहां पर लोन लेने के लिए जाते हैं लोन लेने से पहले देख ले वह प्रतिष्ठान भरोसेमंद है कि नहीं। जैसा कि ऊपर बताया गया है, लोन लेने से पहले कई सारी डॉक्यूमेंट पर साइन करना होता है जो हम ठीक तरह से नहीं पढ़ते, ऐसे में हो सकता है बाद में हमें अपने EMI के साथ कुछ एक्स्ट्रा चार्ज पे करना पड़े, इसलिए लोन लेने से पहले हर बात की अच्छी तरह से जांच करने और जितना हो सके एक भरोसेमंद बैंक की तरफ ही जाए।
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एक बड़ा अमाउंट
हम सभी जब भी होम लोन लेते है, तो अपने सपनो का घर बनाने के लिए एक बड़ा अमाउंट लेना चाहते है। आप जब भी होम लोन लेते है, तो उतना ही ले जितने का लोन लेने से बाद में आपको कोई समाश्या न हो और आप आराम से अपने EMI को हर महीने चुका पाए। क्युकी ये एक लंबा समय है, और अगर बाद में किसी कारन आप से कुछ EMI छुट जाए तो आपको एक बड़े समस्या का सामना करना पर सकता है।
होम लोन का इंश्योरेंस
दोस्तों होम लोन का इंश्योरेंस करना बहुत ही इंपॉर्टेंट है, क्योंकि होम लोन का जो अमाउंट होता है वह बहुत ही बड़ा अमाउंट होता है और एक लंबे समय के लिए हमें इसका EMI चुकाना होता है। हम जब भी होम लोन के लिए जाते हैं तो कई सारे डाक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर करना परता है। जो व्यक्ति लोन लेते है अगर उनको कुछ हो जाता है, और इंश्योरेंस नहीं करते हैं और अगर उनके परिवार बाकी का ईएमआई नहीं छुकाते तो ऐसे में उनके परिवार को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, और इसके साथ हो सकता है आपका घर भी बैंक के पास चला जाए। तो भविष्य में ऐसी कोई समस्या ना हो इसलिए आपको इंश्योरेंस जरूर कराना चाहिए ताकि आपका पैसा और परिवार सुरक्षित रहे।
इनकम टैक्स बेनिफिट
अक्सर ही हमें होम लोन पर इनकम टैक्स बेनिफिट मिलता है। इनकम टैक्स बेनिफिट प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों पर ही मिलता है। तो ऐसे में आप अच्छी तरह से जांच कर ले कि आपको यह सुविधा मिल रहा है कि नहीं। इसके लिए आपको बैंक से अच्छी तरह से पूछताछ कर लेनी चाहिए। और अगर आप ऑनलाइन अप्लाई करते हैं तो जिस बैंक पर ऑनलाइन अप्लाई कर रहे हैं उसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी तरह से जांच कर ले।
कम डॉक्यूमेंट
कई बार ऐसा होता है हम जिस बैंक पर अप्लाई कर रहे हैं वहां पर हमें कई सारे डॉक्यूमेंट जमा करना पड़ सकता है। पहले तो वह लोग कहते हैं कि आपको बहुत कम डॉक्यूमेंट देना होगा लेकिन जब भी आप अप्लाई करते हैं तो आपको कई सारे डाक्यूमेंट्स जमा करने के लिए कहा जाता है, तो होम लोन लेने से पहले आप यह भी देख ले आप जहां पर अप्लाई करने जा रहे हैं वहां पर आपको कम डॉक्यूमेंट की सुविधा मिलता है कि नहीं। क्योंकि कई सारे बैंक आपका जो जरूरी डाक्यूमेंट्स है उसको सबमिट करने के बाद ही आपका लोन अप्रूव कर देते हैं।
ज्यादा समय
दोस्तों होम लोन लेने से पहले हमें यह भी जान लेना चाहिए कि जिस बैंक पर हम अप्लाई कर रहे हैं वहां पर हमें कितने समय के भीतर होम लोन मिल जाता है। क्योंकि कई बार ऐसा होता है आपका सब ठीक होने के बाद भी होम लोन देने में बैंक कई महीनों का समय ले सकता है, तो ऐसे में आप उसी बैंक पर अप्लाई करें जहां पर आपको कम समय में ही लोन मिल जाए, और अगर लोन ना मिले तो भी बैंक ज्यादा समय ना लेते हुए आपको यह बता दें कि आपका लोन नहीं हो रहा और आप दूसरी जगह पर अप्लाई कर सकें।
प्रीपेमेंट की सुविधा
यह जानना भी जरूरी है कि आप अपने लोन का पूर्व भुगतान कर सकते हैं या नहीं या इसमें आपको क्या-क्या सुविधाएं मिलता है। इसके साथ आपको क्या कोई चार्ज देना पड़ेगा और अगर देना पड़े तो कितना देना पड़ सकता है।
कई बार जब भी आप पूर्व भुगतान के लिए जाते हैं तो ऐसे में आपको कुछ चार्ज लगाया जाता है और कई बैंकों पर आपको यह सुविधा भी मिलता है कि आप जब भी अपने होम लोन का प्रीपेमेंट या रीपेमेंट करते हैं तो आपसे कोई भी चार्ज नहीं लिया जाता। तो आपको लोन लेने से पहले ही इन सब बातों को अच्छी तरह से जान लेना चाहिए।
कोई हिडेन चार्ज ना हो
कई बार हम ऐसे बैंक से लोन अप्लाई कर देते हैं जहां पर हमें बाद में हमारी आई एम आई के साथ कुछ हिडेन चार्ज भी लगाया जाता है, जिसके बारे में बैंक हमें से पहले नहीं कहता। और अगर ऐसा हुआ तो बाद में हमें ज्यादा पैसा देना पड़ेगा और इसके बारे में हम बैंक से कुछ कह भी नहीं सकेंगे। तो इसलिए लोन लेने से पहले हमें इस बात का भी ध्यान रखना है जहां से लोन ले रहे हैं वहां पर क्या कोई हिडेन चार्ज पे करना होगा।
सह-आवेदक/सह-उधारकर्ता (Co-Applicant/Co-Borrower) ले या नहीं
सह-आवेदक/सह-उधारकर्ता जोड़ने से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। सबसे पहले अगर आप एक महिला को अपना सह-आवेदक/सह-उधारकर्ता सुनते हैं तो ऐसे में कई बैंकों पर आपको कुछ छूट मिल जाता है। दूसरा है अगर आप एक बड़े अमाउंट का होम लोन चाहते हैं तो ऐसे में आपको बड़े अमाउंट का होम लोन मिलने में आसानी होती है अगर जो Co-Borrower आप सुन रहे हैं उनका भी कोई अच्छा इनकम हो।
इसके साथ ही आपको इस बात पर ध्यान देना है कि आप जो Co-Applicant/Co-Borrower चुनते हैं उनका सिबिल स्कोर अच्छा हो, क्योंकि अगर उनका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं होगा तो आपको भी लोन नहीं मिलेगा। और एक बात पर आप जरूर ध्यान दे सकते हैं, वह है आप जितना हो सके उन्हीं को अपना Co-Applicant/Co-Borrower चुनें जिनका इनकम सोर्स अच्छा हो क्योंकि इससे लोन मिलने में आसानी होती है।
होम लोन का अवधि (Tenure)
हम लोगों में से कई लोग होम लोन के लिए एक लंबा समय चुनते हैं, क्योंकि इसमें हमें कम EMI देना होता है। दोस्तों अगर आप एक ज्यादा EMI दे सकते हैं तो आप थोड़ा सा ज्यादा देकर के अपने लोन अवधि (Tenure) को कम करके सुन सकते हैं। ऐसे में आपको एक बड़े अमाउंट का लाभ होता है।
हम जो EMI देते हैं, वह अगर एक लंबे समय के लिए चुनते हैं तो पूरे EMI अगर जोड़ देते हैं तो जो अमाउंट होता है वह अमाउंट, अगर हम थोड़ा सा ज्यादा EMI देकर एक कम समय या अवधि सुनती है तो ऐसे में जो अमाउंट होगा वह अमाउंट लंबे समय के अमाउंट से बहुत ही ज्यादा कम होगा, हो सकता है आपको इसमें कई लाख रुपए तक का लाभ हो। इसलिए आप अपनी EMI को एक बार loan EMI calculator पर जरूर कैलकुलेट करके देखें।
एग्जांपल के लिए नीचे दिए गए टेबल से आप जान सकते हैं।
Loan Amount (₹) | Tenure | Interest Rate | Loan EMI | Total Interest (₹) | Total Amount (₹) |
25,00,000 | 30 Years | 6.70% | 16,132 | 33,07,500 | 58,07,500 |
25,00,000 | 20 Years | 6.70% | 18,935 | 20,44,367 | 45,44,367 |
25,00,000 | 10 Years | 6.70% | 28,642 | 9,37,047 | 34,37,047 |
होम लोन प्रीपेमेंट
दोस्तों आख़िर में हम होम लोन की प्रीपेमेंट के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं, कि आपको होम लोन प्रीपेमेंट करना चाहिए या नहीं या कब करना चाहिए।
हम जब भी कोई लोन लेते हैं, और इसके बाद जब उसका EMI शुरू हो जाता है तो ऐसे में पहले हमें एक बड़ा सा इंटरेस्ट और उसके साथ एक छोटे अमाउंट का प्रिंसिपल मिलाकर EMI देना होता है। इसका मतलब जो हम EMI देते हैं शुरुआती दिनों में उसका अमाउंट आधा से ज्यादा इंटरेस्ट और बहुत ही कम प्रिंसिपल का देना पड़ता है। और यह धीरे धीरे आखिर के दिनों तक हमारा जो इंटरेस्ट है वह कम होते जाते हैं और हमारा जो प्रिंसिपल है वह थोड़ा-थोड़ा करके बड़ा हो जाता है। और जब तक अंतिम समय आता है तब तक जो प्रिंसिपल अमाउंट होता है वह ज्यादा होता है और जो इंटरेस्ट अमाउंट होता है वह कम करके हमारा EMI बनता है।
तो ऐसे में आप इस बात का ध्यान दें अगर आप होम लोन लेने के कुछ ही समय बाद होम लोन का प्रीपेमेंट करते हैं तो आपको कई सारे इंटरेस्ट का फायदा होता है लेकिन अगर आप अपने होम लोन का प्रीपेमेंट आखिर के दिनों में करना चाहते हैं तो इससे आपको कोई फायदा नहीं होता क्योंकि आख़िर में आपका ज्यादातर प्रिंसिपल अमाउंट ही रहता है तो आपको कोई भी लाभ नहीं होता और आपको पूरा का पूरा पैसा ही पे करना पड़ता है। इसलिए जितना हो सके आप शुरुआती दिनों में अगर देना चाहे तो दे दे लेकिन आखिर के दिनों में आपको कोई भी फायदा नहीं मिलता, क्योंकि इसमें आपका इंटरेस्ट कम हो जाता है और जो प्रिंसिपल अमाउंट है वही ज्यादा रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – Frequently Asked Questions
Q. होम लोन में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात क्या है?
- होम लोन जब भी आप अप्लाई करते हैं तो आप सबसे पहले अपनी सिबिल स्कोर (Cibil Score) और डॉक्यूमेंट (Documents) पर ही ध्यान दें ताकि आपका होम लोन आसानी से आपको मिल जाए।
Q. होम लोन लेने से पहले आपको क्या जानना चाहिए?
- आप जहां पर होम लोन अप्लाई कर रहे हैं वहां का इंटरेस्ट रेट, प्रोसेसिंग फी और चार्ज और इसके साथ आप से क्या-क्या डॉक्यूमेंट के बारे में कहा गया है यह अच्छी तरह से जान ले।
Q. होम लोन की राशि कैसे निर्धारित की जाती है?
- होम लोन की राशि आपके EMI/NMI Ratio आपका LTV Ratio देख कर ही आपका होम लोन कितने अमाउंट का होगा यह निर्धारित किया जाता है इसके साथ आपका सिबिल स्कोर को भी देखा जाता है।
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